उल्टे सीधे फंदे बुनते-बुनते उसकी कलाइयां दुखने लगी थीं। उल्टे सीधे फंदे बुनते-बुनते उसकी कलाइयां दुखने लगी थीं।
सहेज रही थी रागिनी खुशगवार पलों को अपने आंचल में। सहेज रही थी रागिनी खुशगवार पलों को अपने आंचल में।
कालियामूर्ति हाल ही में दो साल पहले एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए संयुक्त राज्य गए। कालियामूर्ति हाल ही में दो साल पहले एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए संयुक्त राज...
आजकल हम प्यार इसलिए कर रहे हैं ताकि हम कभी अपने दोस्तों की महफ़िल में बैठे तो अपने हुनर का गुणगान क... आजकल हम प्यार इसलिए कर रहे हैं ताकि हम कभी अपने दोस्तों की महफ़िल में बैठे तो अ...
ईशा खुश नहीं थी इस जबरदस्ती के रिश्ते थे मगर उस अजनबी की छुहन में ऐसा क्या था कि उसके एहसास जाग उठे ईशा खुश नहीं थी इस जबरदस्ती के रिश्ते थे मगर उस अजनबी की छुहन में ऐसा क्या था कि...